ये वक़्त गुजर जायेगा एक दिन ,
तू देखता रह जायेगा ..
आज खुश है तू अपने कर्मों से ,
कल शायद इनसे तू रो जायेगा ,
खुद को बचाले बुरे कर्मों से ,
वरना तू मर मर के जी पायेगा .
बुलंदियों पर है आज तू ,
तो क्या कल बुलंद रह पायेगा .
खुद को ही आज समझले तू ,
वरना फिर संभल न पायेगा .
जब गरीबी तुझे उदास करे ,
या बेशुमार दौलत तेरे हाथ भरे ,
मत मुस्कुरा , न निराश हो ,
सब कुछ वेवफा हो जायेगा .
क्या बनाकर "ताज ", कारीगर आज जिन्दा हैं ,
या पिरामिड की मिटटी कोई अमृत का पुलिंदा है ,
पिरामिड हो या इंसान हो ,
कोई न ठहर पायेगा .
तेरे दिल की तस्वीर मुस्कराहट से बनेगी ,
तेरी रात मुस्कुराते संगीत से सजेगी ,
खुद को इतना व्यस्त कर लेना तू ,
दुखी होने के लिए समय खो जायेगा .
ये वक़्त गुजर जायेगा एक दिन ,
तू देखता रह जायेगा ..